Friday, November 12, 2010

दूकानदारने जंता सिंग को कैसे पहचाना


दूकानदारने जंता सिंग को कैसे पहचाना
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जंता सिंग एक दूकानमें गया. वहा कोनेमे रखे टिव्हीकी तरफ इशारा कर उसने दुकानदारसे कहा -

'' मुझे वह टिव्ही खरीदना है''

दुकानदार ने कहा - '' मै सरदार को सामान नही बेचता''

जंता सिंग वहांसे मायूस होकर घर गया. उसे किसीभी हालमें वह टिव्ही खरीदना था इसलिये वह दाढी मुछे और सरके बाल मुंडवाकर उस दूकानपर फिरसे गया.

जंता सिंग - '' मुझे वह कोनेमें रखा टिव्ही खरीदना है''

दूकानदार - '' मै सरदार को सामान नही बेचता''

जंता सिंग को अचरज हूवा की उसने वह सरदार है यह कैसे पहचाना. हो सकता है पहले मै गया था इसलिए उसने मेरी शक्ल पहचानी हो.

जंता सिंग फिर मायूस होकर घर चला गया. लेकिन उसे वह टिव्ही खरीदने के सिवा चैन नही आनेवाला था. इसलिए इसबार वह बुरखा पहनकर औरतके भेसमें उस दूकानमे गया और उसने औरत के आवाजमें दूकानदारसे कहा - '' मुझे वह कोनेमें रखा टिव्ही खरीदना है''

दूकानदारने फिरसे कहा - '' मै सरदार को सामान नही बेचता ''

अब जंता सिंगसे रहा नही गया. उसने बुरखा निकालकर दूकानदारसे पुछा की - '' तूमने कैसे पहचाना की मै सरदार हूं.''

दुकानदार - ''क्योंकी वह कोनेमे रखा टिव्ही नही मायक्रोवेव्ह है''
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जंता सिंग की गाडी
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एक ट्रफिक पुलिसने रॉंग साईड से जा रहे जंता सिंग की गाडी को रोका और कहा -

'' तुम्हे पता है तुम किधर गाडी डाल रहे थे ?''

'' नही... हां लेकिन जिधरभी डाल रहा था वहा कुछ बहुत बुरी दुर्घटना हुई ऐसा लग रहा है ... क्योंकी सब लोग वहांसे गाडीयां वापस ला रहे है '' जंता सिंगने जवाब दिया.
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